रात ठहर गई है मुझमें जब से तेरा जिक्र हुआ । कुछ तो ऐसा तुझमें है जो चांद को तेरा फिक्र हुआ । तेरी बातें करते करते मैं भी शायर हो रहा हूं । तेरी इन यादों के अंदर पागल सा मैं हो रहा हूं । तेरी बात में ऐसा जादू है तेरा मैं जो सच्चा मित्र हुआ । कुछ ऐसा तुझमें है जो.. चांद को तेरा फिक्र हुआ ।