लोग कैसे होते हैं खुद ही खुदा बनने का शौक होता है उन्हें ऐसे मगरूर हो रहे होते है की उनसे बढ़कर न कोई है, और कोई न होगा बेवजह ये फहमी पालकर खुश क्यों होते है औरों को बस मापना शुरू कर देते है अपने तराजू में क्या पता जिस चीज़ को वो मापना चाह रहे हो उस मोल का बाँट उनके तराजु पर हो ही नहीं और वो शख्स उनकी सोच से भी ऊपर हो पर अक्सर लोग ऐसे ही होते है...! -Osheen Khan