जीवन का एक कड़वा सत्य है, अकेले आये है तो अकेले जाना भी है, लेकिन हम यह सोचते हैं कि अगर हमारे जीवन में अपना मुझसे दूर हो तो हमारा जीवन समाप्त हैं? जी नहीं बिल्कुल नहीं जीवन एक अनमोल तोहफा है, यह तोहफा बहुत कीमती है, और के लिए अपने समय को बर्बाद करना कतई उचित नहीं है? तक जीवन है केवल अपने कार्य में अग्रसर रहना, लक्ष्य को प्राथमिकता देना, अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटना, अगर कोई अपना गुजर गया है तो उसी में ही अपने समय को व्यतीत कर देना पूर्ण रूप से गलत है, हमें कभी भी किसी के थोड़ी थोड़ी बातों को लेकर लड़ जाना, कच्ची उम्र के प्यार के लिए जीने मरने की कसम खाना, अपना पूरा समय व्यर्थ चीजों में गवाना, यह सबसे बड़ी हमारे जीवन की गलती है, हमें पता है कि आप कुछ लेकर नहीं जाएंगे लेकिन जुनून ऐसा होना चाहिए अपनी पहचान सब के पास छोड़कर जाएंगे।
कब यह संभव है? जब हम किसी भी दूसरे व्यक्ति की छोटी-छोटी बातों को लेकर दिलों पर लगाना, खुद को नुकसान पहुंचाना, खुद को कमजोर समझना, बहुत सारी समस्याओं में खुद को उलझा देना हमें कभी नहीं करना चाहिए, जीवन का एक ही लक्ष्य होगा हम सभी का तू जितना हो सके बढ़ तेरे पर नहीं हैं, अपने लक्ष्य से दिखा दे तू सबका उम्मीदवार है।
जब हम किशोरावस्था में होते हैं तब हमें प्रेम रोग लग जाता है, तब हम उतने समझदार नहीं होते हैं, और जीने मरने की कसम खाते हैं, इसी कारण से कई सारे युवा है प्रेम के कारण अपनी जान तक भी दे देते हैं।
प्रेम गलत नहीं है, लेकिन कोई भी कार्य करने की एक उम्र सीमा होती है, किशोरावस्था में दिखता ही नहीं है, जिसके कारण प्रतिवर्ष सुसाइड की बढ़ती जा रही है, इसीलिए अभी हमारा लक्ष्य हमारा करियर, इसका उन्नति कैसे होना चाहिए, इसीलिए जीवन में मोह,माया,लोभ त्याग,कर जीवन को शांति प्रिय से जीना चाहिए।
धन्यवाद : काजल साह : स्वचित
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