हँसी- मजाक करना खुशी तो देता है लेकिन मजाक करते वक्त जरूरी है कि आप किसी का दिल ना दुखायें क्योंकि स्वस्थ मजाक ऐसा होना चाहिए, जिसमें सभी के ठहाकों की गूंज शामिल हो।
हँसी -मजाक हमारे तनाव को ही दूर नहीं करते, बल्कि रिश्तो और माहौल को भी खुशनुमा बनाते हैं। इस हँसने - हँसाने की आदत के कारण ही परिवार से लेकर दोस्त तक उसे पसंद करते हैं, पारिवारिक समारोह हो या फिर दोस्तों की पार्टी सब जगह लोगों को इसका इंतजार रहता है, देखा जाए तो लोग हंसने हंसाने वाले व्यक्तियों से दोस्ती करना और उनके इर्द - गिर्द रहना पसंद करते हैं। परंतु कई बार यह हँसी - मज़ाक व्यंग बनकर अनजाने ही किसी के दिल को ठेस पहुंचाते हैं। मजाक करने के अपने कुछ दायरे होते हैं, जीने समझना बहुत जरूरी है।
नज़दीक आने का आसान तरीका
किसी अनजान की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाने और उससे अपनी दोस्ती को गहरा करने का सबसे आसान तरीका है उसे अपनी बातों से हँसाना। जो लोग इस गुण को जानते हैं उनके दोस्त भी काफी होते हैं। दरअसल हँसी दो लोगों के बीच एक सकारात्मक भावुकता पैदा करती हैं। इससे लोगों के बीच एक रिश्ता पनपने लगता है और उनमें नजदीकियाँ आती है परंतु हँसी-मजाक के दौरान कई बार हम अपने शब्दों पर ध्यान नहीं देते और अनजाने में ही कुछ ऐसा बोल बैठते हैं, जिसे व्यंग में बदलते देर नहीं लगती। वह सामने वाले के दिल को ठेस पहुंचा कर रिश्तो में दूरियां पैदा करने का कारण बन जाता है।
छवि न हो खराब
शादियाँ अपनों के संग हँसी मजाक करने का सबसे अच्छा बहाना होता हैं। इससे जहाँ नए माहौल में बड़ी आसानी से दोस्ती बन जाते हैं, वहीं कुछ लोगों का मजाक। मजा कैसे करें कि आपकी छवि दूसरों के मन में धूमिल ना हो क्योंकि एक बात दूरी बनाने वाला आपसे बात इसलिए भी नहीं करना चाहेगा कि आप ना जाने फिर कौन-कौन सी गलत बात मजाक में कहा जाएँ।
आत्मसम्मान का रखें ध्यान
मजाक उड़ाते समय इस बात का ध्यान रखें कि जिस व्यक्ति का आप मजाक बना रहे हैं, उसके आत्मसम्मान को ठेस ना पहुँचे क्योंकि यह हो सकता है कि आप जिस बात को छोटा समझ कर मजाक में कहा रहे हों हो बात उस व्यक्ति के लिए मामूली ना हो। उसके लिए वह बात उसके मान सम्मान से जुड़ी हो।
उम्र और ओहदे का रखें ख्याल
मजाक करते वक्त उस व्यक्ति की उम्र और ओहदे का ख्याल रखें। कभी-कभी हम मजाक- मजाक में बड़े फिर सीनियर को ऐसे बात कह देते हैं, जो शायद वह सुनना पसंद ना करें। यह बहुत जरूरी है कि मजाक करते वक्त आप अपनी और जिस का मजाक उड़ा रहे हैं उसकी उम्र का लिहाज और ओहदे की गरिमा को बनाए रखें।
जेंडर की ध्यान में रखकर करें मजाक
व्यक्तिगत टिप्पणी ना करें
किसी को टारगेट ना बनाएं बर्दाश्त करना भी सीखे
हर किसी से मज़ाक करना सही नहीं
कुछ लोगों की आदत होती है कि वह नहीं देखते कि उनके साथ खड़ा हुआ अमुक व्यक्ति परिचित है या अपरिचित बस मजाक करना शुरू कर देते हैं। अगर आप ग्रुप में हैं और सभी लोग आपके पहचान के नहीं, तो मजाक करने से बचें क्योंकि जो अपरिचित व्यक्ति हैं आपके बारे में नहीं जानता है, हो सकता है कि आपका मजाक उससे रास नहीं आए और आपकी इमेज भी उसके सामने खराब बन जाए।
अंत में एक बात और वह यह है कि मजाक करने का उद्देश्य सिर्फ हँसी - ख़ुशी के लिए होना चाहिए। आप मजाक करें तो सभी के ठहकों की गूंज होनी चाहिए, तभी तो यह एक हेल्दी मजाक होगा और सभी आपकी मजा आपको पसंद भी करेंगे।
मज़ाक में शालीनता बनी रहें इसलिए सॉरी कहें
अगर मजाक में आपने किसी का दिल दुखा दिया तो तुरंत सॉरी कहे ना कि यह कह बात को कर टाल दे कि मैं तो बस मजाक कर रहा था यह कर रही थी। कभी -कभार हम मजाक में कुछ ज्यादा ही बोल देते हैं और किसी को हमारी बात बुरी लग सकती हैं। इसलिए जब आपको लगे कि आपने किसी का दिल दुखा दिया है। फिर तो सॉरी कहना ना भूले।
धन्यवाद
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