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15/11/2023 Neelesh Sharma Disaster Views 152 Comments 0 Analytics Video English DMCA Add Favorite Copy Link
किम जोंग उन ने फिर बढ़ाई अमेरिका और दक्षिण कोरिया की टेंशन, कर डाला बैलिस्टिक मिसाइल से जुड़ा ये बड़ा परीक्षण
उत्तर कोरिया सिर्फ दक्षिण कोरिया और जापान के लिए ही नहीं, बल्कि अमेरिका के लिए बसबसे बड़ा सिरदर्द बन गया है। अमेरिका प्रतिबंधों के बावजूद किम जोंग उन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे। वह लगातार बैलिस्टिक मिसाइलों और उससे जुड़े अन्य घातक परीक्षणों को अंजाम दे रहे हैं। ताजा मामले में उत्तर कोरिया ने बैलिस्टिक मिसाइल से जुड़े ठोस ईंधन का परीक्षण करके दक्षिण कोरिया और अमेरिका की टेंशन बढ़ा दी है। उत्तर कोरिया ने बुधवार को कहा कि उसने क्षेत्र में अपने विरोधियों को निशाना बनाने वाले परमाणु-सक्षम हथियार विकसित करने की दिशा में काम जारी रखते हुए मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए नये ठोस-ईंधन इंजन का सफल परीक्षण किया है।
 
उत्तर कोरिया की आधिकारिक ‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ ने कहा कि देश की सेना से जुड़े वैज्ञानिकों ने मिसाइल इंजन के पहले और दूसरे चरण का शनिवार और मंलगवार को परीक्षण किया। रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि नयी मिसाइल प्रणाली कब तक पूरी होगी। हॉसोंग-12 सहित देश की मौजूदा मध्यम दूरी की मिसाइलें तरल-ईंधन इंजन से संचालित होती हैं। इनमें परीक्षण से पहले ईंधन भरने की आवश्यकता होती है और लंबे वक्त के लिए ईंधन नहीं भरा जा सकता। ये मिसाइलें अमेरिकी प्रशांत क्षेत्र गुआम तक पहुंच सकती हैं। वहीं, ठोस प्रणोदक वाली मिसाइल को परीक्षण के लिए तैयार करना, इन्हें तेजी से प्रक्षेपित करना करना और छिपाना आसान होता है। ​मिसाइल के ये गुण विरोधियों के लिए इनका पता लगाने में मुश्किलें पैदा करते हैं।
किम ने सेना को दिया है परमाणु हमले का सीधा अधिकार
 समाचार एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि हाल का यह परीक्षण उत्तर कोरियाई सेना की रणनीतिक रक्षात्मक क्षमताओं में इजाफा करने के लिए आवश्यक है, खासतौर पर ऐसे वक्त में, जब देश अस्थिर सुरक्षा माहौल का सामना कर रहा है। पिछले कुछ वर्षों में उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की ओर से देश के हथियार कार्यक्रम को तेजी से बढ़ाने के बाद से कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव चरम पर है। इसमें वे घटनाएं भी शामिल हैं, जिन्हें किम ने दक्षिण पर आभासी परमाणु हमले के रूप में वर्णित किया था। किम ने अपनी सेना को यह अधिकार भी दिया है कि यदि उसे प्योंगयांग में शीर्ष नेतृत्व पर किसी तरह का खतरा महसूस हो, तो वह दुश्मनों के खिलाफ एहतियाती परमाणु हमले कर सकती है। 
                             

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