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17/08/2024 Kajal sah Awareness Views 330 Comments 0 Analytics Video Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
अनुशासनहीनता एक विष!

जीवन को सार्थक और सफल बनाने के लिए महत्वपूर्ण आयामों में से सबसे महत्वपूर्ण आयाम है अनुशासन। अनुशासनहीनता वह दीमक है, जो धीरे - धीरे जीवन को नष्ट कर सकती है। सार्थक एवं स्पष्ट लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अनुशासन बेहद ही जरुरी है। आज इस निबंध के माध्यम से हम यह जानने का प्रयास करेंगे कि अनुशासन क्यों जरुरी है? अनुशासन क्यों जरुरी? अनुशासन क्या है? अनुशासन जीवन का एक महत्वपूर्ण आधार है। नियमों, सिद्धांतों और समय का पालन करते हुए जीवन को नियंत्रित और व्यवस्थित करना ही अनुशासन है। अनुशासन अर्थात आत्म - नियंत्रण। अनुशासनयुक्त व्यक्ति अपने समय, ऊर्जा का सदुपयोग करते है। अनुशासन केवल व्यक्तिगत विकास के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं है, अपितु सम्पूर्ण समाज के लिए लाभदायक है। महत्वपूर्ण लाभ अनुशासन के ................................... 1. लक्ष्य :लक्ष्य बिना जीवन व्यर्थ है। अनुशासन बिना लक्ष्य की प्राप्ति असम्भव है। अनुशासन वह लौ है, जिसके प्रकाश से आप नियमित रूप से अपने लक्ष्य पर कार्य कर पाते है। अनुशासन हमें एक सार्थक दिशा में आगे बढ़ने और लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। अधिकांश लोग बहुत बड़े - बड़े स्वप्न देखते है। बड़े सपनें हो या छोटे सपनें देखने में कोई बुराई नहीं है। लक्ष्य तक पहुँचने के लिए ऊर्जा एवं समय का सदुपयोग अनुशासन के माध्यम से ही सम्भव है। इसलिए लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अनुशासन जरुरी नहीं अनिवार्य है। 2. समय : समय सबसे बलवान है। समय का सदुपयोग से हम उपयोगी बन सकते है और दुरूपयोग से जीवन ध्वन्स हो सकता है।तेज़ी से बदलते दौर में अगर हमने खुद को आगे नहीं बढ़ाया.. तब पिछड़ जायेंगे। प्रतिदिन नए - नए टेक्नोलॉजी का विकास हो रहा है। इसलिए बेहद महत्वपूर्ण है कि समय का सदुपयोग को हम भावी समय के लिए तैयार करें। अनुशासनहीन व्यक्ति अपने समय का कद्र नहीं करते। उन्हें लगता है कि उनके पास बहुत समय है। लेकिन वास्तव में हमारे समय एवं ऊर्जा सीमित है। समय प्रबंधन में अनुशासन का महत्वपूर्ण भूमिका है। अनुशासन हमें समय का कुशलता से उपयोग करने में मदद करता है। अनुशासन के माध्यम से कार्य को उचित प्राथमिकता देना, समय - सीमा इत्यादि महत्वपूर्ण कौशल सीख सकते है। जीवन को उद्देश्यपूर्ण, सार्थक एवं सफल बनाने के लिए अनुशासन सबसे महत्वपूर्ण आधार है। यह कहना गलत नहीं होगा कि अनुशासन हर सफल व्यक्ति के जीवन का आधारशीला है। 3. सेल्फ कण्ट्रोल : अनुशासन जीवन का सशक्त शक्ति है, जिसके माध्यम से विचलित मन, चंचल मन को एकाग्र किया जा सकता है। गौतम बुद्ध जी ने कहा - मन पर विजय हासिल करना बेहद ही जरुरी है। मन परम मित्र भी है और शत्रु भी। लेकिन जब जीवन में हम अनुशासन का पालन करने लगते है, तब सही और गलत का चयन करना भी सीख पाते है। अनुशासन हमें अपनी इच्छाशक्ति, आत्मविश्वास और संकल्प को मजबूत बनाने और अपने आवेगों पर नियंत्रण रखने में मदद करता है। बुरे विचारों से बुरे कार्यों को नियंत्रित करने का मजबूत शस्त्र है अनुशासन। 4. सकारात्मक : आदतें ही तय करती है कि भविष्य सुनहरा या बिखरा होगा। सार्थक एवं सफल आदतों से जीवन उत्साह से भर जाता है और व्यर्थ आदतों से जीवन उद्देश्यहीन हो जाता है। अनुशासन वह दीप है, जो हमारे जीवन को उजाला से भर देता है अर्थात हमारे जीवन को अच्छी आदतों से पूर्ण कर देता है। स्वयं का अनुभव साझा करना चाहती हूं,अनुशासन के आभाव में मैंने बहुत कुछ खो दिया.. अपनी बुरी आदतों के वजह से। लेकिन अनुशासन को जीवन में आत्मसात करने से मैं अधिक ऊर्जापूर्ण, उत्साहपूर्ण और उमंगता रहने लगी। अनुशासन हमें सकारात्मक आदतें विकसित करने, अच्छे मित्र बनाना, व्यायाम, उचित नींद एवं पढ़ना।इन सभी महत्वपूर्ण कार्य को सार्थकता एवं सफलता से करने के लिए अनुशासन को अपनाये। सकारात्मक आदतें भी हमारा भविष्य निर्धारित करती है। हमारा भविष्य वर्तमान के कार्य निर्धारित करती है । 5. व्यक्तिगत : आत्म - अनुशासन वह इत्र है, जो आपके पुरे जीवन को सुगंध से भर सकता है। गाँधी जी ने कहा था - स्वयं वह बदलाव बनिये जो आप दुनिया में देखना चाहते है अर्थात दुनिया को बदलने से पहले स्वयं को बदलना अनिवार्य है। अनुशासन हमें व्यक्तित्व को निखारता है। अनुशासन हमारे आत्मविश्वास, इच्छा शक्ति, आत्म ज्ञान इत्यादि महत्वपूर्ण पहलुओं को विकसित करता है। अनुशासन हमें लगातार सीखने और विकसित होने के लिए प्रेरित करता है। राष्ट्र निर्माण तब ही सम्भव है, जब राष्ट्र के नागरिकों का चरित्र मजबूत होगा। अनुशासन की शक्ति को अपनाकर हम अपने व्यक्तित्व को मजबूत एवं विकसित कर सकते है। और अपने राष्ट्र के विकास में योगदान करके एक सुंदर, सुदृढ़ एवं सुसंस्कृत राष्ट्र बना सकते है। 8. तनाव : तनाव वह खर - पतवार है, जिसके आगमन से जीवन नष्ट होने लगता है। तनाव चित्ता समान है। इसलिए चिंता से हमें दूर रहना चाहिए।जीवन में तनाव आगमन के प्रमुख कारणों में से एक कारण है अनुशासनहीनता।कार्य को समय पर न करना,गलत कार्य एवं गलत लोगों में समय व्यय करना इत्यादि। तनाव को जीवन से दूर करने के लिए अनुशासन सबसे अधिक मददगार हो सकता है। अनुशासन को जीवन में जीवन को सार्थकता से पूर्ण बनाया जा सकता है। तनावमुक्त से खुशहालीपूर्ण जीवन जीना का यात्रा आरम्भ हो जाता है। यह कुछ महत्वपूर्ण कारण / लाभ है। उपरोक्त लाभ के अलावा अन्य लोगों के साथ बेहतर संबंध बनने लगता है, समाज में योगदान, स्वयं से प्यार अर्थात आत्म - सम्मान में वृद्धि, अन्य लोगों के लिए प्रेरणा, कठिन परिस्थितियों का सामना करने की क्षमता इत्यादि। आशा करती हूं कि यह निबंध आपके लिए बेहद ही लाभदायक हो सकता है। अनुशासन अपनाइये जीवन को सफल बनाइये। धन्यवाद काजल साह

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