निबंध : किडनी को रखना है स्वस्थ
किडनी हमारे शरीर का एक बेहद महत्वपूर्ण अंग है। किडनी हमारे शरीर में फिल्टर की तरह कार्य करती है, जो हमारे शरीर से सभी तरह के हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालने में का काम करती है। शरीर में किडनी न केवल हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालती है, बल्कि रक्तचाप को संतुलित रखने तथा शरीर में अन्य केमिकल्स के स्तर को संतुलित करने में भी मदद करती है।
ऐसे में किडनी को स्वस्थ रखने के लिए खान - पान का खास ध्यान रखना चाहिए।
इनकी अधिकता से किडनी को नुकसान :
1. नमक : हमारे शरीर के लिए हर मिनरल अनिवार्य है, जिसमें नमक भी आता है। दरअसल नमक में सोडियम होता है, जिसकी सही मात्रा थॉयराइड हार्मोन को संतुलित रखने का काम करती है और सोडियम पोटैशियम के साथ मिलकर हमारे शरीर में पानी की मात्रा को बनाये रखने का काम करते है, लेकिन जब आप ज्यादा मात्रा में नमक खाना शुरू कर देते है, तो यह पानी की मात्रा को बढ़ा देता है, जिसकी वजह से किडनी पर दबाव पड़ने लगता है और किडनी खराब होने लगती है।
2. शराब : अगर आप शराब पीते है, तो यह सीधे आपकी किडनी को प्रभावित करती है। शराब का जरूरत से ज्यादा सेवन आपकी किडनी को खराब बनाने का काम करती है और आपके किडनी को अपने रोजमर्रा का काम करने में भी दिक्कत आने लगती है।
3. कृत्रिम स्वीटनर : आपके द्वारा खायी जाने वाली मिठाइयां कुकीज और ड्रिंक्स, जिसमें आर्टिफिशल शुगर होती है। वह हमारी किडनी की सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक होता है। अगर आपको डायबिटीज है, तो किडनी रोगों का खतरा भी ज्यादा रहता है।
इन सभी का सेवन ना करें। अगर किडनी को रखना है स्वस्थ तो खाना - पान पर रखें ख्याल :
1. खट्टे फल : खट्टे फल जैसे - संतरे व नीम्बू किडनी हेल्थ के लिए अच्छे मान जाते है। खट्टे फल में पर्याप्त मात्रा में विटामिन - सी मौजूद होता है, जो मूत्र में कैल्शियम के साथ जुड़कर गुर्दे की पथरी को रोकने में मदद कर सकता है। शरीर के बाहर अम्लीय होने बावजूद, चयापचय के दौरान खट्टे फल में क्षारीय प्रभाव होता है, जो शरीर में एसिड को बेसर करने में मदद कर सकता है और एसिडोसिस के खतरे को कम कर सकता है।
2. अनानास : अनानास स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा माना जाता है। यह विटामिन - सी से भरपूर होता है, जिससे आपकी इम्युनिटी मजबूत होती है। अनानास में मौजूद फाइबर किडनी से जुड़ी बीमारियों को दूर करने में सहायक माने जाते है।
3. लाल अंगूर : लाल अंगूर स्वाद और स्वास्थ्य गुणों से भरा होता है। इसमें मौजूद विटामिन - सी व एंटीऑक्सीडेंट किडनी को स्वस्थ बनाये रखने में मदद करता है, लाल अंगूर को किडनी फ्रेंडली फ्रूट भी कहा जाता है। अंगूर त्वचा के लिए भी फायदेमंद होता है।
कई रोगों में पूरक चिकित्सा का काम करती है फिजियोथेरेपी :
8 सितम्बर को प्रतिवर्ष विश्व फिजिकल थेरेपी दिवस मनाया जाता है। कई बार किसी चोट,दर्द आदि की वजह से हमारी शारीरिक गतिशीलता प्रभावित हो जाती है। उस गतिशीलता को वापस पाने के लिए फिजियो एक्सपर्ट व्यायाम और मालिश जैसी तकनीकों के संयोजन के साथ उपचार करते है। फिजियोथेरेपी को लेकर जागरूकता के लिए हर वर्ष फिजियोथेरेपी डे मनाया जाता है।
एक्सपर्ट के मुताबिक, फिजियोथेरेपी एक चिकित्सा विज्ञान है। इसमें चोट शारीरिक दर्द और बीमारियों के इलाज के लिए मसाज, व्यायाम और ख़ास तरह की मशीन आदि का इस्तेमाल किया जाता है।वही सिर्फ रोगी ही नहीं, बल्कि स्वस्थ व्यक्ति भी चुस्त - दुरुस्त रहने के लिए फिजियोथेरेपी की मदद ले सकते है, जिसमें किसी दवा का इस्तेमाल नहीं किया जाता और न ही आमतौर पर इस थेरेपी के साइड व आफ्टर इफेक्ट्स होते है।
इन समस्याओं में यह कारगर
कई समस्याओं के लिए फिजियोथेरेपी की जा सकती है। उदाहरण के लिए किसी तरह की छोट, पुरानी बीमारी, शारीरिक अक्षमता, शारीरिक गतिविधियों में सुधार लाने, शारीरिक दर्द, मांसपेशियों की ऐंठन, जोड़ों के दर्द या अकड़न से राहत पाने के लिए फिजियोथेरेपी की जा सकती है। इसके अलावा फ्रैक्चर और व्यायाम या फिर खेल के दौरान आया खिंचाव आदि के उपचार के लिए भी फिजियोथेरेपी की मदद ली जा सकती है। अनेक मामलों में फिजिकल थेरेपी पूरक चिकित्सा के तौर पर कार्य करती है, तो वहीं यह मरीज को एकल चिकित्सा के तौर पर भी राहत प्रदान करती है।
2. किस उम्र के लोग ले सकते है थेरेपी
फिजियोथेरेपी हर उम्र के लोग करवा सकते है। अगर किसी युवा या फिर बुजुर्ग को स्लिप डिस्क, अर्थराइटिस जैसी बीमारियों है, तो वे फिजियोथेरेपी ले सकते है। वहीं गलत posture और खेलकूद में लगने वाली चोट या फिर मांसपेशियों में खिंचाव के लिए फिजियोथेरेपी ली जा सकती है। इसके अलावा, बच्चों के शारीरिक विकास के लिए भी फिजियोथेरेपी ले सकते है।
3.जरुरी है इन बातों का ध्यान रखना :
अगर आप फिजियोथेरेपी कपड़े न पहनें, ताकि एक्सरसाइज करने या फिर मशीन लगाने में कोई दिक्क़त न हो। इसके अलावा, पेट भरकर खाना खाकर न जाएं। इसके साथ ही फिजियोथेरेपी को लेकर आपकी कोई उलझन जी, तो उसके बारे में आप फिजियोथेरेपिस्ट को बता सकते है।
आशा करती हूं कि यह निबंध आप सभी के लिए लाभदायक सिद्ध होंगी।
धन्यवाद
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