केंद्र सरकार की कैबिनेट एवं पॉलिटिकल कमेटी द्वारा देश की आगामी जनगणना में जातिगत आंकड़ों को शामिल करने के फैसले का झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने स्वागत किया है। पार्टी के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने इसे ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा कि यह निर्णय सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में एक अहम पहल है। श्री भट्टाचार्य ने कहा, “हमारी पार्टी और राज्य के कई संगठनों की यह लंबे समय से मांग रही है कि जनगणना में जातिगत आंकड़ों को शामिल किया जाए। इससे सरकार को समाज के सभी वर्गों की सही सामाजिक और आर्थिक स्थिति का आकलन करने में मदद मिलेगी।” उन्होंने कहा कि जाति जनगणना से नीतियों को और प्रभावी बनाया जा सकेगा तथा वंचित वर्गों को उनका वास्तविक हक और अवसर उपलब्ध कराया जा सकेगा। केंद्र सरकार की इस घोषणा के बाद राजनीतिक हलकों में इसे लेकर बहस तेज हो गई है। जहां एक ओर विपक्षी दल इसे सामाजिक न्याय की दिशा में सही कदम बता रहे हैं, वहीं कुछ दल इस पर पुनर्विचार की मांग कर रहे हैं। झामुमो महासचिव ने केंद्र के इस फैसले को सकारात्मक बताते हुए कहा कि पार्टी इसे जनहित में उठाया गया निर्णय मानती है और आशा करती है कि यह कार्य निष्पक्षता और पारदर्शिता से संपन्न होगा।