हालात बदलने की शक्ति मनुष्य स्वयं कर सकता है अर्थात् मनुष्य अपने भाग्य का निर्माता होता है। किसी भी कठिन परिस्थिति को बदलने के लिए सबसे पहले खुद को बदलना अर्थात् सोच, आलस्य छोड़कर, कर्मशील बने, समय का सदुपयोग करना इत्यादि।आज मैं आप सभी के साथ एक विषय है – " हालात बदलने के लिए स्वयं को बदलना होगा "।
1. बदलें :मनुष्य विचारों से निर्मित प्राणी है।सकारात्मक एवं सशक्त विचारों से मनुष्य समझदार बनता है। नकारात्मक सोच वह विष है, जो मनुष्य के विचारों एवं कार्य को नकारात्मक बना देती है। जिसके वजह से मनुष्य कठिन परिस्थिति में घबरा जाता है और केवल समस्या के बारे में ही सोचता है।
हालात बदलने के लिए सबसे जरुरी है, सोच बदलना।विचारों को सकारात्मक दिशा की ओर ले जाना। जिससे ध्यान समस्या से समाधान की ओर आगे बढ़ता है।
2. विश्वास : पृथ्वी ग्रह का सबसे चमत्कारी प्राणी मनुष्य को माना गया है। इंसानों ने अपनी कल्पना, सोच एवं रचनात्मकता से असंभव कार्य को संभव में बदला है।असंभव की सीमा लागने के लिए सबसे जरुरी है आत्मविश्वास एवं दृढ़ इच्छाशक्ति। दृढ़ इच्छुशक्ति, संकल्प शक्ति एवं अटूट विश्वास से इंसानों ने कठिनतम कार्यों को सरलतम रुप में बनाया है।
कोई भी समस्या मनुष्य के सामने बड़ी नहीं होती। परिस्थितियां कैसे भी क्यों न हो? स्वयं पर अटूट विश्वास से हर कठिन परिस्थितियों से लड़ा जा सकता है। कहा भी जाता है कि आत्मविश्वास ही पहली सीढ़ी है सफलता की। इसलिए स्वयं पर विश्वास हमेशा करें।ईश्वर से पहले हम स्वयं पर अटूट विश्वास करना चाहिए। लेकिन यह आत्म विश्वास अति नहीं होना चाहिए।
3. कर्मशील : मनुष्य अपने भाग्य का निर्माता स्वयं है।किसी भी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए दो सबसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर हमें ध्यान देना चाहिए। "आलस्य " सबसे बड़ा शत्रु एवं " कर्मशीलता" सबसे अच्छा मित्र है।आज हम जिस भी परिस्थिति में है, वह भूतकाल में किए हुए कर्म के परिणाम है और भावी समय में जो भी होंगे उसके जिम्मेदार भी स्वयं है।किसी भी हालात को बदलने के लिए कर्म करना जरुरी है अर्थात् हमें कर्मशील बनना अत्यंत आवश्यक है।जो मनुष्य अपने कार्य को नहीं करता और आलस्य करता है। वक़्त की मार ऐसे लोगों को सम्पूर्ण रूप से बर्बाद कर देती है।
समय सबसे कीमती पूंजी है।बिता हुआ एक क्षण भी वापस नहीं आ सकता, इसलिए समय का कद्र हमें करना चाहिए। जो लोग समय का मूल्य समझते हैं, वही अपनी हालात बदल पाते हैं।
4. सीमित:क्या मानव के पास असीमित समय एवं ऊर्जा है? क्या बार – बार गलतियाँ करके सीखा जा सकता है? उत्तर है नहीं। हम अपने समय एवं ऊर्जा का उपयोग योग्य कार्यों में कर पाएं एवं गलतियां कम से कम करें, इसलिए अनुभवी व्यक्ति अपने जीवन के लर्निंगस, गलतियां एवं सफलता इत्यादि के बारे में लिखते हैं। जो बाज़ारों एवं इंटरनेट पर किताबों के रूप में उपलब्ध रहता है। किताबों के अध्ययन से सोचने, समझने एवं निर्णय लेने की शक्ति विकसित होती है। आज विभिन्न विषय जैसे लीडरशीप, प्रॉब्लम सोलविंग, कम्युनिकेशन स्किल इत्यादि महत्वपूर्ण विषयों पर किताबें उपलब्ध है।जिससे हर युथ को पढ़ना चाहिए। इन लर्निंग्स को अपने जीवन में उतारकार एक सुखद, सार्थक एवं सफल जीवन जी सकते हैं।
5. आदतें: आदतों से यह जीवन निर्मित है। लेकिन आदतों को निरीक्षण अत्यंत आवश्यक है। अच्छी आदतें हमारे चरित्र को सुदृढ़ एवं जीवन को सफल बनाती है।अच्छी आदतें हमें प्रेरित करती है कि कठिन परिस्थितियों से लड़े एवं बुरी आदतें मनुष्य के समग्र गुणों को समाप्त कर देती है और निम्नतम स्तर तक पहुंचा देती है, जिसकी वजह से मनुष्य जीवन में हमेशा जूझता रहता है।
हालात बदलने के लिए खुद की सोच, आदतों, कार्य इत्यादि को बदलना आवश्यक है। उपरोक्त बिंदुओं के अतिरिक्त है –संगति बदले, हार मानने की आदत छोड़े एवं अंतिम क्षणों तक संघर्ष करें, शिकायत बंद करें एवं अनुशासन अपनाएं।
आशा करती हूं कि यह निबंध आपको अच्छा लगा होगा और हालात बदलने के लिए किसी दूसरे को नहीं खुद को बदलना होगा।
धन्यवाद
काजल साह
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