The Latest | India | [email protected]

55 subscriber(s)


K
28/10/2022 Kajal sah Accident Views 120 Comments 0 Analytics Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
कविता : उड़ान
कविता
उड़ान
---------
 
---------
उड़ान भरना चाह रही थी 
कि फेक दिया मुझ पर तेजाब
खड़ी हो ही रही थी कि
मिटा दिया मेरी पहचान 
जला दिया मेरे चेहरे को 
और मिटा दिया मेरे सपनों को
घुट रहा है दम मेरा
अपने चेहरे को देखकर
जब देखा दर्पण में अपने आप को
नहीं छुपा पाई खुद को 
दर्द हो रहा है अपने चेहरे को देखकर 
मैं दूंगी दर्द तुम्हें भी 
मेरे सीने में जल रही है आग
अब उसी आग में जलना होगा
तुम्हें भी ... हमेशा के लिए
क्योंकि ...
अब भरने ही वाली हूं नई उड़ान।
धन्यवाद : काजल साह :स्वरचित 
                             

Related articles

 WhatsApp no. else use your mail id to get the otp...!    Please tick to get otp in your mail id...!
 





© mutebreak.com | All Rights Reserved