The Latest | India | [email protected]

55 subscriber(s)


K
09/05/2023 Kajal sah Inspiration Views 149 Comments 0 Analytics Video Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
कविता : ओ मेरे कृष्ण
ओ बनवारी कृष्ण मुरारी
मुरली मधुर बजा रहे हों
अपने खिली मुस्कान से
गोपियों कों अपना बना रहे हों
अपनी नैनन से
प्रेम की सुधा बहा रहे हों।

कैसे जिक्र करू कृष्ण के स्वांग का
हर भक्तों का हृदय खिल जाता है
हर अभिलाषा तेरे कृपा से पूर्ण हों जाता है
ओ मनमोहन कृष्ण
प्रेम के सुधा बरसा रहें हों।

कभी न उदास होना मेरे श्याम
हे मेरे कान्हा मन के हर कोने - कोने में करों प्रकाश
तरसे मेरी नैना, मिले न चैना
तुझे देखने कों तरसे मेरी
नैनन हर बार
अंधियारी हर पगडंडी से, श्री कृष्ण ने संभाला है
हर पीर से श्री कृष्ण ने बचाया है
ओ मेरे बनवारी कृष्ण
प्रेम की सुधा बहा रहें हों।

दुख कों भुला कर हँसती रहूँ
तेरा नाम जमती रहूँ
स्नेह मुरली श्याम अलौकिक
कैसे आपसे नज़र हटाऊँ
साँवला कान्हा लगता है, बड़ा मनमोहन
मोहनी सी मुस्कान है, तेरी
ओ बनवारी कृष्ण मुरारी
मुरली मधुर बजा रहें हों
प्रेम की सुधा बरसा रहें हों।

धन्यवाद : काजल साह : स्वरचित
                             

Related articles

 WhatsApp no. else use your mail id to get the otp...!    Please tick to get otp in your mail id...!
 





© mutebreak.com | All Rights Reserved