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02/12/2023 Kajal sah Achievement Views 326 Comments 0 Analytics Video Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
जब आंसर होगा ऐसा तब सभी टॉप करेंगे?
कुछ महीने पहले की बात है, जब मैंने हिंदी के साथ अन्य विषय में बहुत अच्छा मार्क्स लेकर पास हुई। मैंने हिंदी में 95 मार्क्स लाया था।अब आप सोच रहे होंगे कि क्या हम भी ऐसा अंक ला सकते है? उत्तर है हाँ।
एग्जाम में शीट, क्वेश्चन, समय सभी को एक सामान मिलता है लेकिन सभी का अंक एक जैसा नहीं आ पाता है। कोई 12 से 14 घंटे पढ़ने के बाद भी बहुत अच्छा मार्क्स नहीं ला पाते है, कोई 5-7 घंटे पढ़कर टॉप कर जाते है। कारण बहुत हो सकते है, लेकिन इन सभी प्रमुख कारणों में सबसे महत्वपूर्ण कारण है : लिखने का तरीका।
एग्जामिनर के साथ सम्बन्ध आपका आंसर शीट ही बनाता है। इसलिए यह अति जरुरी है कि आपके पेपर प्रेजेंट करने का तरीका बहुत अच्छा हो। आपने जो आंसर याद किया है, उसे आप किस तरिके से प्रेजेंट करते है, कैसे अपने भाव को एक्सप्रेस करते है इत्यादि सभी महत्वपूर्ण पहलु है।
 चलिए जानते है कि आप कैसे आंसर प्रेजेंट कीजियेगा। आंसर लिखने का प्रयास आपको 2-3 महीने पहले से शुरू कर देना चाहिए, क्युकी जितना आपका अभ्यास बना रहेगा आप उतने अच्छे से प्रस्तुत कर पाएंगे। इसलिए जो मैं आपको टिप्स बताऊंगी उसे अभी से अभ्यास करना शुरू कर दे।
निम्नलिखित टिप्स  फॉर बेटर आंसर :

1.रीड : बोर्ड एग्जाम का हमें 3 घंटे 15 मिनट प्रोवाइड किये जाते है। और उस 15 मिनट में हमें दिए हुए प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़ना चाहिए। अत्यधिक विद्यार्थी इतने ज्यादा उत्साह हो जाते है कि हड़बड़ी में गड़बड़ी हो जाता है। कुछ विद्यार्थी पहले क्वेश्चन को देखकर निराश होकर सही से प्रश्नों को नहीं पढ़ते और यह गलती उनके एग्जाम में अच्छे मार्क्स नहीं दिला पाते। इसलिए यह जरुरी है कि क्वेश्चन को अच्छे  से और ध्यान से पढ़े।

2. आउटलाइन :आपको पता मैं जब 10th में थी, तब मेरे सर ने मुझे आंसर लिखने का तरीका सिखाया। उन्होंने बताया जब उत्तर लिखोगी तब जो उत्तर के महत्वपूर्ण शब्द, लाइन को ब्लैक पेन से आउटलाइन कर दोगी। आपका प्रयास यह होना चाहिए कि जितना आपसे पूछा है उसे to the point लिखें।

3.इंट्रो : स्टार्टिंग अच्छा तो एंडिंग भी अच्छा होगा। इसलिए यही उद्देश्य के साथ अपने हर आंसर का इंट्रोडक्शन क्लियर, और सही लिखें। जिससे एग्जामिनर को आसानी से आपके उत्तर को समझने में आसानी हो। इसलिए अच्छे से इंट्रोडक्शन लिखें। केवल ब्लू पेन का ही यूज़ ना करे से, ब्लैक पेन का भी यूज़ करे। जिससे आपका आंसर अट्रैक्टिव लगेगा।

यूज़ :आंसर को कहानी की तरह ना लिखें, क्युकी पेपर चेकर्स के पास इतना समय नहीं है कि वे आपके आंसर को पूरा पढ़े। इसलिए जब भी आप आंसर को लिखें तब पार्ट्स या पॉइंट्स में डिवाइड करके आंसर लिखें। सबसे अच्छा यह होगा जब आप आंसर को ब्लैक पेन से point में और आंसर को ब्लू विथ ब्लैक पेन से लिखें।इसलिए आपको जरूर से जरूर पॉइंट्स में लिखने का प्रयास करे।

पूरा : मैंने अपने प्रिय टीचर अमर सर जी से सीखा है, उन्होंने बताया था कि हमेशा टारगेट रखना पूरा पेपर अटेंड करने का। हर क्वेश्चन को लिखें,क्युकी यह आपके ज्यादा मार्क्स लाने में बेनिफिट होगा। इसलिए 2-3 महीने प्रीवियस पेपर को सोल्व करे, टेस्ट पेपर को सॉल्व करे विथ टाइम। जितना आप अभ्यास कीजिये उतना अच्छा आपका पेपर्स होगा।

एक्सापल : जब हम किसी विषय को एक्सापल के साथ समझते है तब वह विषय हमें ज्यादा अच्छे से समझ में आता है। ठीक उसी प्रकार आपका टारगेट होना चाहिए कि जब आप किसी विषय का उत्तर लिखें तब पूरा बुक ही ना छाप दे। साथ ही साथ महत्वपूर्ण प्रश्नों का उत्तर विथ एक्सापल लिखें। यह तब यह आपके आंसर को सपोर्ट करेगा।


अवॉयड :ज़ब हमें आंसर पता नहीं होता तब हम अतिआवश्यक बाते भी लिखने लगते है, जिससे पेपर्स चेकर्स भी पढ़कर ऊब जाते है। इसलिए यह गलती ना करे। जो जरुरी नहीं है उसे शामिल ना करे। Unnecessary इनफार्मेशन प्रोवाइड ना करे, जो प्रमुख है उसे क्लियर एंड सही से लिखें।

प्रॉपर :शब्दों को गलत, वाक्य गलत लिखने के कारण से मार्क्स बहुत कट जाते है। इसलिए अपने लिखावट के साथ शब्द सही लिखना, वाक्य में पुल्लिंग, स्त्रीलिंग इत्यादि का सही से ध्यान रखे। अगर आपको लगता है कि आपसे गलती होता है तब आप पहले 5-6 घंटे रोज लिखने का अभ्यास करे।


क्वालिटी vs क्वांटिटी : अत्यधिक बच्चे  2-3 पेजेज का 1 आंसर लिखकर लाते है, लेकिन फिर भी उन्हें बहुत अच्छा मार्क्स नहीं मिल पाता। कारण है - वे क्वांटिटी पर ध्यान देते है लेकिन क्वालिटी पर नहीं। क्वांटिटी से सबसे महत्वपूर्ण क्वालिटी। इसलिए क्वालिटी के साथ ही साथ सही क्वांटिटी पर ध्यान दे। निम्नलिखित टिप्स :
1. बुलेट्स पॉइंट्स
2. महत्वपूर्ण कथन
3. प्रॉपर ब्लैक एंड ब्लू पेन का यूज़
इत्यादि।

वर्ड लिमिट : क्वेश्चन के पेपर में लिखा रहता है - ब्रीफ एंड to the point लिखने का। इस बात पर अच्छे से ध्यान दे, जब भी आंसर लिखें तब वर्ल्ड लिमिट का अच्छे से ध्यान रखे। जितना वर्ड लिमिट कहा गया है, उसी वर्ड लिमिट लिखें। थोड़ा ज्यादा हो सकता लेकिन अत्यधिक नहीं।

रिव्युव एंड रिवाइज्ड : जब मेरा पेपर कम्पलीट हो जाता है, तब मैं तुरंत पेपर नहीं देती हूं, मैं बचे हुए समय का पूरा उपयोग आंसर को रिव्यु और revision करती हूं।इसे यह फायदा होगा कि अगर आपने कोई गलती किया है तब वह गलती ठीक हो जाएंगी और आपका revision भी हो जायेगा।

हाई :समस्या यह है ना कि अगर विद्यार्थी 1 आंसर फस जाते है, तब वे आगे बढ़ते ही नहीं। जिससे उनका समय व्यर्थ हो जाता और अच्छा मार्क्स वे गेन नहीं कर पाते। इसलिए आपको यह गलती नहीं करना है, जो हाई वैल्यू, जो अच्छे से आता उसे पहले सॉल्व करे। जो नहीं आता लास्ट में लिखने का प्रयास करे।

Conclusion : हर लॉन्ग क्वेश्चन के में Conclusion सही से लिखें। सरल, सुगम और स्पष्ट रूप से आंसर का एन्ड करे।
स्टार्टिंग और एंडिंग दोनों बहुत महत्वपूर्ण है।

यह कुछ टिप्स है, जिसके माध्यम से आप अच्छा आंसर लिख सकते है। आप भी टॉप कर सकते है लेकिन हार्ड स्टडी को चेंज कीजिये स्मार्ट स्टडी में। धैर्य, मेहनत, प्रयास, अभ्यास और स्वयं पर विश्वास रखिये। सब आसान हो जायेगा...
धन्यवाद
काजल साह
                             

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